जय श्री कृष्ण 🙏 इंसानियत हमारे भीतर की नियत पर आधारित होती है अपने लिए हर कोई अच्छा है बात है किसी की अच्छे और सच्चे मन को समझने की आज के युग में हम थोपना चाहते हैं लेकिन सामने जो हैं उससे आंख मूंद कर जिस दिन दूसरे के मन को समझने में मन लग गया उस दिन इंसानियत के मायने हैं। खुद के लिए खुद्र के हिसाब से जीना ये तो धरती पर आया हर जीव कर रहा है। बन सकें तो किसी की हसीं की वजह बने किसी हंसते खिलखिलाते चेहरे से आपके देखते देखते हँसी और खुशी गायब हो रही है और आप देख कर भी अनदेखे बने हुए हैं तो आप इंसानियत के मापदंड से कोसों दूर हैं लेकिन आज के समय में ही फंडा है कि एक मै और मेरा परिवार उसमे भी सिर्फ अपने बच्चे उसके इलावा दुनियां जाए भाड़ में। न प्रेम स्नेह भाव हैं न समर्पण भाव न किसी पर भरोसा ।
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